लालिमा कई रोगों का एक लक्षण है | लालिमा कई बार इन्फेक्शन के कारण से होता है और कई बार यह प्रदुषण की वजह से यह तेज धूप में कई घंटो व्यतीत करने से हो जाता है | आंखों की लाली अक्सर आँखों की रक्त वाहिकाओं की सूजन के कारण होती है। इससे आंख की सतह लाल या रक्तरंजित दिखाई देती है। लाल आंख के कई कारण होते हैं। कुछ चिकित्सीय आपातस्थितियाँ हैं। अन्य चिंता का कारण हैं, लेकिन आपातकालीन नहीं। बहुतों को चिंता की कोई बात नहीं है।
आंखों में लाली का कारण
रक्तरंजित आंखें लाल दिखाई देती हैं क्योंकि आंख के सफेद हिस्से (श्वेतपटल) की सतह पर वाहिकाएं सूज जाती हैं। वाहिकाओं में निम्नलिखित कारणों से सूजन हो सकती है:
- आंखों का सूखापन
- बहुत अधिक धूप में रहना
- आँख में धूल या अन्य कण जाना
- एलर्जी
- संक्रमण
- चोट
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) क्या है?
कंजंक्टिवाइटिस को पिंकआई भी कहा जाता है| इस आँखों की बीमारी में हमारी पलक की आंतरिक सतह और आंख के सफेद भाग की बाहरी सतह में बहुत सूजन आ जाता है। इस बीमारी में हमारी आंखें लाल हो जाती हैं और आँखों में बहुत इर्रिटेशन होती है। इस बीमारी को कुछ लोग आंख आना भी कहते हैं। यह समस्या एक या दोनों आंखों में हो सकती है। कंजंक्टिवाइटिस संक्रामक होने की वजह से यह दूसरों को संक्रमित कर सकती है इसलिए जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए।
कंजक्टिवाइटिस रोग में शामिल है संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किया गए तौलिए का उपयोग न करना, और साथ ही कॉन्टेक्ट लेंस का कम से कम उपयोग करना |
कंजंक्टिवाइटिस के प्रकार
इसके तीन मुख्य प्रकार होते हैं
1-एलर्जी कंजक्टिवाइटिस (allergic conjunctivitis) (ये भी दो प्रकार के होती है)
a-एलर्जी कंजक्टिवाइटिस: एक ऐसी स्थिति होती है, जब कोई प्रदूषक तत्व जैसे की जानवर से एलर्जी या कोई दूसरा पदार्थ जिससे आपके आँखों में एलर्जी हो सकती है।
2-केमिकल कंजक्टिवाइटिस (Chemical conjunctivitis):
वायु में कई प्रकार के वायु प्रदूषक ( air Pollutants ) होते हैं | इनमे सबसे बड़ा रोल हैं कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और नाइट्रोजनडाइऑक्साइड (NO) का है | जब ऐसा वायु प्रदूषक आपकी आंख में चला जाता है और यह केमिकल आपके आँखों में इन्फेक्शन पैदा करता है तो इसे केमिकल कंजक्टिवाइटिस (Chemical conjunctivitis) की उपमा दी जाती है |
आँखों की लाली का उपाय
दारुहरिद्रा के प्रयोग से आंखों के रोग में फायदा (Use of Daruharidra for Eye Disease Treatment)
दारुहरिद्रा का वानस्पतिक नाम बर्बेरिस अरिस्टेटा है जो कि एक औषधीय जड़ी बूटी है। दारुहरिद्रा के कई सारे फायदे होते हैं और आप यह जानकर खुश होंगे कि यह आप अपनी आंखों को स्वस्थ्य रखने और देखने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। मधु और दारुहरिद्रा से बने अञ्जन का प्रयोग करें। इससे आंखों के लाल होने जैसी बीमारी में फायदा होता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर और इसे आंखों के संक्रमण, आँखों की लालिमा को दूर करने में प्रभावी पाया गया। इसके उपयोग के लिए आप दारुहरिद्रा को मक्खन, दही या चूने के साथ मिलाकर और फिर इसे अपनी आंखों की ऊपरी पलकों में लगाएं। यह आंखों की बहुत सारी समस्याओं को दूर कर सकता है। अगर आपको कंजंक्टिवाइटिस या आंख आयी हो तो दूध के साथ इस जड़ी बूटी को मिलकार लगाएं। यह हमारे आँखों के संक्रमण को प्रभावी रूप से दूर कर नेत्रश्लेष्म को कम करने में मदद करता है ।
एलोवेरा कम करता है लालपन और सूजन
एलोवेरा द्वारा आप अपनी आँखों के लालपन की समस्या से निजात पा सकते है। एक अध्यन के दौरान में एलोवेरा के अर्क से परीक्षण किया गया जिसका प्रयोग मानव कॉर्नियल सेल्स पर किया गया। इस अध्ययन के दौरान पाया गया कि एलोवेरा के अर्क से आंखों में सूजन में कमी आई है। एलोवेरा में सेल्स को सुखाने वाले गुण शमिल हैं और इसके प्रयोग से आंख के लालपन की समस्या को कम किया जा सकता है। आप आँखों के लालपन के लिए एलोवरा जेल या रस आंख के ऊपर लगा सकते हैं। एलोवेरा के टुकड़े को फ्रिज में रख दें और उसे ठंडे पानी के साथ मिला लें|इसके पश्चात उसे रुई में भिगोकर आंखों पर कुछ देर के लिए रखें | इससे आंखों में सूजन और जलन कम हो जाएगी|