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मोतियाबिंद समस्या का समाधान और प्राकृतिक उपचार

 

Motiyabind

मोतियाबिंद आँखों की ऐसी बीमारी है जहाँ आँखों के लेंस में एक प्रोटीन की परत बन जाती है जिससे आँखों से धुंधला दिखता है  और साथ ही आपकी दृष्टि प्रभावित हो जाती है। यह धुंधलापन ज्यादातर  बढ़ते उम्र  में होती है और और इसका सही इलाज करना जरूरी है ताकि आगे चलकर यह अंधेपन का कारण न बने |इसके लिए हेअल्थी लाइफस्टाइल ( healthy lifestyle)  का अनुसरण करना चाहिए|

(Ayurvedic Cataracts treatment)आयुर्वेदिक कैटरैट्  ट्रीटमेंट में हम आँखों को औषधियों द्वारा ठीक कर सकते हैं |इसके लिए आप औषधियों का सेवन करें लेकिन एक आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की राय लेकर क्योंकि गंभीर बिमारियों में चिकित्सीय उपाय लेना बेहद जरूरी होता है। इसके आलावा आपको चोट, मोटापा या अधिक धूम्रपान जैसे परिस्थितियों और आदतों से भी मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है|

मोतियाबिंद के लक्षण हैं

दूधिया या धूमिल दृष्टि

रात में कम दिखना

दोहरी दृष्टि

रोशनी के चारों ओर प्रभामंडल दिखना

रंगों में फीकापन देखना

मोतियाबिंद के कारण:

मोतियाबिंद और भी कई कारण  हैं जिसका स्पष्ट रूप से पता नहीं है, लेकिन यह मोतियाबिंद का रिस्क बढ़ा देते हैं;

डायबिटीज

ज्यादा शराब का सेवन

सूर्य  के प्रकाश में ज्यादा समय तक रहना

हेरेडिटरी मोतियाबिंद  परिवार में

उच्च रक्तदाब

मोटापा

आंखों में चोट लगना या सूजन

पहले हुई आंखों की सर्जरी

कार्टिस्टेरॉइड मोडिकेशन का सेवन

मोतियाबिंद के प्रकार ( Types of Motiyabind)

मोतियाबिंद के कई प्रकार हो सकते य हैं  लेकिन इनमें से कुछ विशेष प्रकार के मोतियाबिंद  हैं जिनका  वर्णन हमने नीचे लिखा है

1|जन्म से मोतियाबिंद (Congenital cataract) :  इस प्रकार के मोतियाबिंद  में  जन्म के समय से ही मौजूद रह सकता या फिर शिशु को बाल्यावस्था के दौरान हो सकता है।

2| सेकंडरी मोतियाबिंद (Secondary Cataract) : इस प्रकार का मोतियाबिंद उम्र के साथ ज्यादा  देखने को मिलता है जहाँ रोगी मधुमेह, या ग्लूकोमा  से  ग्रसित होता है।

3| रेडिएशन मोतियाबिंद (Radiation Cataract): इस तरह का मोतियाबिंद कैंसर के इलाज में  कीमोथेरेपी प्रक्रिया के दौरान होने वाले  रेडिएशन से हो सकता है।

4| ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद (Traumatic Cataract): कभी कभी आँखों  में किसी भी प्रकार की चोट या आंखों के किसी घाव की वजह से ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद  हो सकता है। इसे दर्दनाक मोतियाबिंद भी कहा जाता ह

मोतियाबिंद का घरेलू उपचार (Home Remedies For Cataracts)

घर बैठे आप कोई सा भी इलाज कर सकते हो लेकिन आपको इसके बारे में मालूमात होना जरूरी है|मोतियाबिंद का घरेलू इलाज द्वारा आप अपने मोतियाबिंद को प्राकृतिक रूप से उपलब्ध आयुर्वेदिक औषधियों से ठीक  कर सकते हैं, इनमे से कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं  जिनसे आपकी आँखों को जरूर मिलेगा :

   

  1. गाजर का जूस: अगर आप रोजाना उठकर गाजर का जूस पीये तो गाजर के अंदर पाए जाने वाली बीटा कैरोटीन आपकी आँखों की रौशनी को बढ़ने  में मदद करेगा | बीटा-कैरोटीन एक एंटीऑक्सीडेंट और यह हमारी आंखों की रोशनी  को बढ़ा सकता है और हमारी कोशिका  को क्षति  होने से रोक सकता है। इस सुरक्षित पेय से आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं और मोतियाबिंद के खतरे को कम कर सकते हैं।

 

  1.   खट्टे फल : खट्टे फलों  का सेवन भवी आंखों के लिए लाभदायक  है | अगर आप रोज संतरे, अमरूद, आंवला आदि विटामिन सी युक्त  फलो का सेवन करे  तो इनमे  विटामिन सी  की अधिक मात्रा  होने की वजह से यह हेल्दी ब्लड वेसल्स को मेंटेन करने में मददगार है।  इसके साथ ही, इन फलो में  नेचुरल एंटी-ऑक्सीडेंट की होता है जो की नेत्र में सूजन संबंधी नेत्र समस्याओं से लड़ने के लिए फायदेमंद है|

 

  1. बादाम : बादाम जो नट्स की श्रेणी में आता है|इनमे विटामिन ई प्रचुर मात्रा में  पाया जाता है जो  की एक एंटी-ऑक्सीडेंट है। रात में भिगोय हुए बादाम का सेवन अगर सुबह उठकर किया जाय तो यह आंखों के लिए और मोतियाबिंद को कम करने के लिए एक बेहतरीन पोषक तत्व है। यह हमारी आंखों की कोशिकाओं की झिल्ली की रक्षा करता है। इसके आलावा आप अखरोट, सूरजमुखी के बीज और मूंगफली आदि को अपने आहार का हिस्सा बनाएं ताकि आप अपनी आँखों के स्वस्थ्य का सही रूप से देख भाल कर पाए|

 

  1. राजमा के अनगिनत लाभ हैं और इनमे पाया जाने वाला विटामिन ब्३ का  बहुत लाभकारी है। इसका सेवन डायबिटिक रेटिनोपैथी और मैक्युलर डिजेनेरेशन, मोतियाबिंद  के जोखिम को कम करता है। इसके साथ ही ठंडे पानी की मछली जैसे सैल्मन, टूना, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जिससे आपको सूखी आंखें, और मोतियाबिंद से बचने में मदद मिल सकती है।आप इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें और अपनी आंखों का लंबे समय तक ख्याल रखें।

 

  1. पालक का जूस: पालक का जूस आंखों के लिए बहुत लाभकारी  है | पालक में ल्यूटिन और जियाजैंथिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो की मोतियाबिंद से भी बचाव करने में सहायक होते हैं। ऐसे में पालक या पालक के जूस का सेवन आंखों से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए किया जा सकता है | इन  पोषक  तत्वों  से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखने और बढ़ती उम्र में आंखों की रोशनी कम होने की समस्या से बचाव कर सकते हैं।

 

  1. अंडे- अंडे के पीले हिस्से का सेवन से भी आंखों के पर्दे हेल्दी होते हैं | इसमें पाए जाने वाला जिंक आंखों के लिए बहुत  लाभदायक होते हैं|

घरेलू उपचार का तात्पर्य है आँखों की  नियमित सफाई, स्वस्थ आहार का सेवन,और सुरक्षा उपायों का  सही तरीके से पालन करना| इससे आप न केवल मोतियाबिंद को विकसित होने से रोक सकते बल्कि अपने को चुस्त और तंदरूस्त भी रख सकते  है | इसके अलावा, आपको अपनी आँखों का  नियमित स्वास्थ्य चेकअप करवाना चाहिए ताकि किसी भी समस्या को  तुरंत पहचाना जा सके और उसका उचित उपचार मिल सके।

आयुर्वेद चिकित्सा की एक ऐतिहासिक प्रणाली है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। यह बिना सर्जरी के मोतियाबिंद  के इलाज (Cataracts treatments without surgery) के लिए भारत के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है। मोतियाबिंद का इलाज आयुर्वेद में कई तरीकों से किया जा सकता है लेकिन डॉ बासु आई हॉस्पिटल में हम  इसका इलाज आयुर्वेदिक औषधियों से ठीक करते हैं|

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